हंस और हंसिनी को भटकते-भटकते रात हो गयी, तो हंस ने हंसिनी से कहा देखो रात भी गई इसलिए हम किसी भी तरह यहाँ आज की रात बिता लेते हैं, फिर सुबह होते ही यहाँ से चले जायेंगे। महात्मा गाँधी का सम्पूर्ण जीवन एक ऐसी किताब की तरह है जो https://lokhitkhabar.com/